Solar Rooftop Subsidy Online: आज के समय में महंगाई के कारण बिजली के बढ़ते बिल हर घर की चिंता का कारण बने हुए हैं। इसी समस्या को देखते हुए भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। जिसका नाम है प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना। इस योजना का उद्देश्य देश के एक करोड़ घरों तक सौर ऊर्जा पहुंचाना है। सरकार का लक्ष्य है कि लोग पारंपरिक बिजली पर निर्भरता कम करें। स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करें। सौर ऊर्जा न केवल पर्यावरण के लिए अच्छी है। बल्कि यह लंबे समय में आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित होती है। इस योजना के तहत लोग अपनी छत पर सोलर पैनल लगवाकर अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। सरकार इस काम में लोगों की आर्थिक मदद भी कर रही है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगवाने पर सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना की खासियत यह है कि सरकार सोलर सिस्टम की कुल लागत का चालीस से साठ प्रतिशत तक सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। जिससे लोगों को शुरुआती खर्च में काफी राहत मिलती है। योजना में केवल ग्रिड से जुड़े सोलर सिस्टम को ही शामिल किया गया है। इसका मतलब यह है कि आपका सोलर सिस्टम बिजली वितरण कंपनी के नेटवर्क से जुड़ा होना चाहिए। जब आपके सोलर पैनल अधिक बिजली बनाते हैं। तो वह अतिरिक्त बिजली ग्रिड में चली जाती है।
आवेदन की सरल प्रक्रिया
सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना में आवेदन करना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको राष्ट्रीय सौर ऊर्जा पोर्टल पर जाना होगा। पोर्टल पर आपको अपना राज्य और बिजली कंपनी का नाम डालना होगा। अपना बिजली कनेक्शन नंबर और मोबाइल नंबर भी देना होगा। ओटीपी वेरिफिकेशन के जरिए आप अपना रजिस्ट्रेशन पूरा कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको अपनी छत की जानकारी देनी होगी। आपको बताना होगा कि आपकी छत पर कितनी जगह उपलब्ध है। फिर आप सरकार द्वारा पंजीकृत विक्रेताओं की सूची में से किसी एक को चुन सकते हैं। बिजली कंपनी की मंजूरी मिलने के बाद चुना गया विक्रेता आपके घर आकर सोलर पैनल लगा देगा।
सब्सिडी की राशि और बचत
सरकार सोलर सिस्टम की क्षमता के आधार पर अलग-अलग मात्रा में सब्सिडी प्रदान करती है। एक किलोवाट क्षमता के सोलर सिस्टम पर तीस हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है। दो किलोवाट सिस्टम के लिए साठ हजार रुपये मिलते हैं। तीन किलोवाट या उससे अधिक क्षमता के सिस्टम के लिए अधिकतम अठहत्तर हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। एक तीन किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम लगाने में लगभग डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता है। लेकिन सरकारी सब्सिडी मिलने के बाद यह खर्च काफी कम हो जाता है। एक बार सिस्टम लग जाने के बाद पच्चीस साल तक मुफ्त बिजली मिलती रहती है।
पर्यावरणीय लाभ
सोलर रूफटॉप सिस्टम के फायदे केवल आर्थिक नहीं हैं। पर्यावरण के लिए भी यह बेहद लाभकारी है। सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का स्रोत है। जो किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलाती। जब अधिक लोग सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं। तो कोयले से बनने वाली बिजली की मांग कम हो जाती है। यह जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में भी मदद करता है। इस योजना से देश में ऊर्जा सुरक्षा भी बढ़ती है।
पात्रता और शर्तें
सोलर रूफटॉप सब्स्डी योजना का लाभ मुख्य रूप से आवासीय उपभोक्ताओं के लिए है। जो लोग अपने घर पर रहते हैं वे इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदक के पास अपना बिजली कनेक्शन होना जरूरी है। छत पर पर्याप्त जगह होना भी आवश्यक है। छत पर छाया न हो और वह मजबूत हो।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना में आवेदन करने से पहले कृपया आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। तकनीकी सलाह के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें।